परिपत्र किसे कहते हैं

परिपत्र किसे कहते हैं? उदाहरण सहित।


परिपत्र

परिपत्र ऐसा पत्र होता है, जो किसी व्यक्ति विशेष के लिए नहीं बल्कि कार्यलय में कार्यरत सभी व्यक्तियों के बीच प्रसारित करने और सूचित करने के लिए लिखा जाता है। परिपत्रों के संबोधन में कार्यलयों, विभागों, एककों के मुख्य अधिकारियों का संकेत होता है। परिपत्र को सभी मुख्य लोगों में प्रसारित करना आवश्यक होता है। परिपत्र को अंग्रेजी में Circular कहा जाता है। प्रत्येक कार्यलय में सामान्यतः कई सूचनाएँ, आदेश, प्रसारित होते रहते हैं। शासन प्रणाली में एक कार्यलय के अधीनस्थ कई कार्यलय होते हैं। उनमें कई कर्मचारी होते हैं। यह श्रृंखला ऊपर से नीचे की ओर चलती रहती है।

'वे सूचनाएँ एवं आदेश जो सभी अधीनस्थ अधिकारियों, कर्मचारियों के संबंध में होते हैं, वे परिपत्र के माध्यम से प्रेषित किये जाते हैं। जिन पत्रों के द्वारा सूचनाएँ आदेश प्रसारित किए जाते हैं, उन्हें परिपत्र कहा जाता है।'


परिपत्र की विशेषताएँ या स्वरूप

  1. परिपत्र सदैव उच्च कार्यलय द्वारा अपने अधीनस्थ कार्यलयों को भेजा जाता है।
  2. परिपत्र में उच्च कार्यलय द्वारा लिया गया कोई विशेष निर्णय, विशेष प्रस्ताव, विशेष रियायत या किसी विशेष परिवर्तन या किसी अन्य से सम्बद्ध सूचनाएँ जो सर्वप्रभावी होती है, भेजी जाती है।
  3. एक परिपत्र में एक ही विषय होता है।
  4. इसमें संबोधन नहीं होता क्योंकि इसे किसी विशेष व्यक्ति के लिए नहीं होता।
  5. परिपत्र भेजने वाला उच्च कार्यलय होता है। वह आवश्यकतानुसार अधीनस्थ कार्यलयों को परिपत्र भेजता है।
  6. इसकी भाषा आदेशात्मक होती है।
  7. सामान्यतः परिपत्र साइक्लोस्टाइल (चक्र टंकित) या टाइप (टंकित) होते हैं।
  8. इस पर अधिकारी के वास्तविक हस्ताक्षर होते हैं।
  9. इसकी प्रतिलिपियाँ अन्य कार्यलयों को भी भेजी जाती है।
  10. यह शासकीय पत्र के प्रारूप में ही लिखा जाता है।
  11. यह औपचारिक शैली में ही लिखा जाता है।
  12. इसकी विषय वस्तु सारगर्भित होती है। संक्षेप में ही पूर्ण विवरण दिया जाता है।
  13. भाषा, सरल, सुस्पष्ट, सुगठित होनी चाहिए।
  14. परिपत्र में कार्यलय की सामान्य सूचना होती है।
  15. परिपत्र कार्यलय में सामूहिक रूप से प्रभावशील होता है। अर्थात किसी व्यक्ति विशेष के लिए नहीं बल्कि सभी के लिए समान महत्व का होता है।

परिपत्र का प्रभाव

कार्यलय, उच्च शिक्षा विभाग,
भोपाल, मध्यप्रदेश
दिनाँक   ..............

पत्र क्रं 9/88/20......

विषय - अस्थायी सहायक प्रादयापकों के स्थायीकरण की सूचना।

राज्य शासन ने अपने मंत्रिमंडल की बैठक दिनाँक 2.11.20...... के तहत यह निर्णय लिया है कि दिनाँक 11.11.20..... तक शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत अस्थायी सभी सहायक प्रादयापकों को स्थायी कर दिया जाए।

         अतएव सभी महाविद्यालयों के प्राचारों से यह अपेक्षा की जाती है कि दिनाँक 20.11.20....... तक ऐसे सभी सहायक प्राध्यापकों की सूची संलग्न प्रपत्र में निदेशालय के पास भेज दें ताकि उनके संबंध में आगामी कार्यवाही की जा सके।


..................
           सचिव
उच्च शिक्षा विभाग
भोपाल, मध्यप्रदेश


प्रतिलिपि ---
(1) समस्त महाविद्यालयों के प्राचार्य 
(2) प्रशासनिक इकाई राजपत्रित उच्च शिक्षा विभाग
(3) महालेखाकार, भोपाल (मध्यप्रदेश)



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