हैलो दोस्तों, इस लेख में हम जानेंगे कि जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप क्या है? इसे किस काम के लिए बनाया गया है और यह हमें कौन कौन सी जानकारी दे सकता है इससे संबंधित बातों को जानने वाले हैं।
अंतरिक्ष में कई रहस्य छुपे हुए हैं जिसे पता करने के लिए 1996 में एक स्पेस टेलीस्कोप को बनाने के लिए शुरू किया गया था जिसे 25 दिसंबर 2021 को अंतरिक्ष में लांच किया गया। इस टेलीस्कोप के द्वारा ली गयी इमेज NASA ने शेयर किया है। इन्हीं से संबंधित जानकारी को इस लेख में देखेंगे।
जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप क्या है?
जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (James Webb space telescope in Hindi) एक स्पेस टेलीस्कोप है जो कि इंफ्रारेड लाइट के spectrum में ब्रह्मांड के रहस्य का पता लगाने के लिए बनाया गया है। जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप को 1996 में यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA), कनाडा स्पेस एजेंसी (CSA) और नासा (NASA) के द्वारा बनाने के लिए शुरू किया गया था जिसे 25 दिसंबर 2021 को अंतरिक्ष में launch कर दिया गया है। कहा जाता है कि ये 13 देशों के 10,000 वैज्ञानिकों ने मिलकर बनाया है।
अगर आपको ये जानके हैरान हो रही है कि जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप को बनाने के लिए 25 वर्षों का समय कैसे लगा? ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि Funds की कमी हुई होगी और जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप फेल हो जाने का डर था। इसलिए इन्हीं सब बातों को देखते हुए वैज्ञानिकों ने इसके हर एक हिस्सों पर बारीकी से काम किया है जिससे किसी भी तरह की कोई गलती न हो। अगर किसी प्रकार की कोई गलती होती तो funds तो बेकार होते ही इसके अलावा इसी तरह का स्पेस टेलीस्कोप दुबारा बनाने के लिए काफी समय लगता।
जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप को बनाने के लिए 9.6 बिलियन डॉलर (75,000 करोड़) का खर्चा आया जो कि ये हबल स्पेस टेलीस्कोप से छः गुना बड़ा है। जेम्स वेब टेलीस्कोप को 25 दिसंबर 2021 शाम 05:30 बजे लॉन्च किया गया था जो कि अब पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर है। अब इतना खर्चा हुआ है तो इसके फ़ीचर्स क्या है और ये कैसे काम करता है इसके बारे में जानते है।
जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप कैसे काम करता है?
जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप कैसे काम करता है ये जानने से पहले हमें इसके फ़ीचर्स के बारे में जान लेना चाहिए। फ़ीचर्स से इसके आकार की बात करें तो ये हबल स्पेस टेलीस्कोप से छः गुना बड़ा है और इसके फ़ीचर्स हबल स्पेस टेलीस्कोप से काफी अलग है।
Sunshield Protection : जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप में लगभग टेनिस कोर्ट के बराबर Kepton E के साथ एल्युमीनियम और dopped सिलिकॉन कोटिंग का लेयर है, इसी material से sunshield protection को बनाया गया है। ये सूरज से आने वाली UV किरणों और गर्मी को वापस अंतरिक्ष में भेज देता है।
इस टेलीस्कोप के द्वारा अगर दूर अंतरिक्ष में देखना है तो सबसे पहले इस टेलीस्कोप का स्थिर होना व स्वंय बहुत ठंडा होना बहुत जरूरी है ताकि ये दूर अंतरिक्ष में छोटी से छोटी रोशनी को भी आसानी से पकड़ ले। इसका मतलब यह हुआ कि इस टेलीस्कोप में लगे इंफ्रारेड कैमरा (infrared camera) और उपकरणों को सही से काम करने के लिए बाहरी स्रोत (सूरज और पृथ्वी) के किरणों और गर्मी से बचाना तो है और साथ ही टेलीस्कोप का तापमान में किसी तरह का बदलाव ना आए इसका भी ध्यान रखते हुए इसमें sunshield protection का इस्तेमाल पाँच लेयर में किया गया है।
Optics (primary mirrors) : जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप में 21.4 फीट बड़े mirrors का इस्तेमाल किया है जिसे 48 ग्राम सोना से तैयार किया गया है। इस mirror को सोना से बनाने का कारण यह भी है कि ये 90% infirior red light को reflect कर देती है जिससे टेलीस्कोप का तापमान समान रखने में मदद करती है। सोना एक noble metal है अगर किसी तरह से जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप किसी भी गैस या धातु के संपर्क में आने के बाद भी सोना उससे react नहीं करेगा और ये mirror ख़राब होने से बच जाएगा।
जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप में 21.4 फीट बड़े mirror तो लगे हैं पर इतने बड़े mirror को rocket के साथ launch नहीं किया जा सकता था इसलिए इसे 18 hexagonal segments में बांटा गया जिसमें एक segment 4.3 फीट का है। इस mirror में 126 छोटी motors लगे हैं अंतरिक्ष में जाने के बाद इन motors की मदद से इन सारे hexagonal segments को आसानी से खोला गया और सही तरीके सेटअप किया गया।
ISIM (Integrated Science Instrument Module) : टेलीस्कोप के इस भाग को इसका दिमाग़ भी कह सकते हैं। इसमें मुख्य रूप से चार scientific instruments रखे गए हैं-
- NIRCAM (Near Infrared Camera)
- NIRSPAC (Near Infrared Spectrograph)
- MIRI (Mid-infrared Instrument)
- NIRISS (Near-infrared imager and Slitless Spectrograph)
ये सभी scientific instruments इस टेलीस्कोप में electrical power, computing resources, cooling capacity व structural stability जैसे काम करते हैं।
Spacecraft Bus : ये भाग जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप का support system है। Spacecraft bus टेलीस्कोप के सभी parts को एक दूसरे से connect करने का काम करती है इसके साथ साथ ये संचार (communication), electrical power, structural parts की hosting और टेलीस्कोप को movement करने का काम करती है। इसका अनोखा डिज़ाइन होने के कारण 350 किलोग्राम होने के बावजूद 6200 किलोग्राम के टेलीस्कोप को support कर पाता है।
जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप क्या क्या कर सकता है?
जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप को अंतरिक्ष में निम्न काम करने के लिए भेजा है -
- Big Bang के बाद अंतरिक्ष में मौजूद आकाशगंगा, तारे, ग्रह आदि को खोजना।
- Galaxy कैसे बनती है और इसके evolution के बारे में पता करना।
- ग्रह और तारों की study करना।
- ब्रह्मांड की उत्पत्ति कैसे हुई इसके पीछे छिपी रहस्य का पता लगाना।
इस टेलीस्कोप को बनाने वालों का कहना है कि ये 13.7 बिलियन प्रकार वर्ष की दूरी तक देख सकता है। और सबसे ख़ास बात यह भी है कि Big bang theory आज से 13.8 प्रकाश वर्ष पहले हुआ था। इससे वैज्ञानिक यह अनुमान लगा रहे हैं कि ये Big Bang theory का रहस्य को जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप सुलझा सकता है।
जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप क्या क्या कर सकता है इसका जवाब जानने के लिए इस टेलीस्कोप के द्वारा NASA ने कौन कौन सी इमेज प्राप्त किये हैं इनके बारे में जानते हैं।
Galaxy Cluster SCMAS 0723
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Galaxy Cluster SCMAS 0723 |
इसमें जो blueish galaxy नज़र आ रहे हैं वो ये बता रही है कि ये बहुत mature galaxy हैं जिनमें बहुत सारे stars व planets हैं। जो red shade नज़र आ रही हैं उस galaxy में बहुत सारे dust मौजूद हैं और इनमें बहुत से नए stars बन रहे हैं।
Stephen's Quintet (पाँच गैलेक्सियों का नृत्य)
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Stephen's Quintet (पाँच गैलेक्सियों का नृत्य) |
इस इमेज पाँच galaxy का समूह है जो एक दूसरे से टकराने वाली है इसका नाम Stephen's Quintet यानि पाँच गैलेक्सियों का नृत्य भी कहा गया है। ये इमेज जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप से ली गयी सबसे ज्यादा pixel की इमेज है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इसमें पाँच galaxy हैं जो एक समय बाद आपस में टकराकर नष्ट हो जाएगी।
इस इमेज में सामने की जो galaxy है वो पृथ्वी से 4 करोड़ प्रकाश वर्ष हो सकती है और पीछे में जो galaxy है उसकी दूरी लगभग 34 करोड़ प्रकाश वर्ष दूरी का अनुमान लगाया गया है।
Cosmic Cliffs of Carina Nebula (तारों का पालना)
इसके बारे में जानने से पहले हमें nebula क्या होती है? इसके बारे में जान लेना चाहिए। नाब्युला (Nebula in hindi) बाहरी अंतरिक्ष में मौजूद धूल व गैस के मिश्रण के विशाल बादल होते हैं।
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Carina Nebula |
पृथ्वी से करीब 8500 प्रकाश वर्ष की दूरी पर एक Carina Nebula है ये हमारे Milkyway Galaxy का ही एक हिस्सा है। जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने Carina nebula का एक हिस्सा का इमेज भेजा है इस तरह के इलाके को Staller Nusrsery भी कहा जाता है।
Nebula का वह इलाका जहाँ stars का जन्म होता है उसे Staller Nursery कहा जाता है। इस इमेज में हम जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप के infrared light के spectrum की मदद से उस तारे को भी देख सकते हैं जो पहले दिखाई नहीं देती थी। इस तस्वीर की मदद से तारे का जन्म कैसे होता है और इसका evolution कैसे होता है जैसे सवालों के जवाब मिल सकते हैं।
Southern Ring Nebula
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Eight brust Nebula |
इस इमेज में एक southern ring nebula का तस्वीर है जहाँ एक तारे का जन्म नहीं बल्कि मृत्यु हो रही है। ये Nebula पृथ्वी से 2000 प्रकाश वर्ष की दूरी पर है इसे Eight brust Nebula भी कहा जाता है। ये तारे गैस व धूल का धमाका करते हुए मरते हैं। अंतरिक्ष में सभी तारे एक ही तरीके से नहीं मरते ये उनके आकार पर निर्भर करता है।
ठीक इसी तरीके से एक दिन हमारा सूरज भी एक दिन इसी तरीके से खत्म होगा इसलिए जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने एक exo-planet की data शेयर किया है।
Data from exoplanet WASP-96b
कभी न कभी तो हमारा सूरज भी एक दिन नष्ट होगा इसके कारण पृथ्वी में जीवन संभव नहीं होगा इसलिए जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने सौर मंडल के बाहर एक ऐसे exoplanet को खोज की है जहाँ पृथ्वी की तरह ही जीवन की संभावना है। ये exoplanet भी एक तारे की परिक्रमा करता है जो हमारे पृथ्वी से लगभग 1120 प्रकाश वर्ष की दूरी पर मौजूद है। ये पृथ्वी के तीन दिन के बराबर समय में ही उस तारे की एक प्ररिक्रमा पूरी कर लेता है।
अनुमान है कि ये उस तारे के इतने करीब है जितना की बुध ग्रह हमारे सूरज के करीब है। इससे यह तो पक्का है कि ये exoplanet हमेशा गर्म रहता है और और अगर इस exoplanet में पानी होगा तो भी वो Solid और liquid form में नहीं होगा। तस्वीर में पानी का पता नहीं चलता इसलिए exoplanet WASP-96b के atmosphere composistion को spectrography की मदद से एक Spectral data निकाली गई है। ये data बताता है कि exoplanet WASP-96b के वातावरण में कितना पानी मौजूद है।
फिलहाल तो इस exoplanet में इतना पानी नहीं है कि वहाँ मानव जीवन संभव हो पाए पर इससे साबित हो जाता है कि इस टेलीस्कोप की सहायता से अंतरिक्ष में मौजूद कई सारे exoplanet के वातावरण के बारे में पता लगाया जा सकता है।
क्या टेलीस्कोप एक टाइम मशीन है?
इस सवाल का जवाब जानने से पहले हमें ये जानना होगा की हमें कोई भी वस्तु कैसे नज़र आती है? सामान्य रूप से हमें किसी भी चीज़ को देखने के लिए रोशनी की आवश्यकता पड़ती है। उदाहरण के लिए किसी मनुष्य को अंधेरे में कुछ दिखाई नहीं देगा। क्योंकि उस जगह पर प्रकाश का स्रोत (source of light) नहीं है।
कोई भी वस्तु हमें तभी नज़र आती है जब किसी प्रकाश के स्रोत (source of light) किसी वस्तु से टकराकर हमारे आँखों पर आती है तब हमें वह वस्तु नज़र आता है।
ठीक इसी तरह से जब टेलीस्कोप से कई प्रकाश वर्ष दूर देखा जाता है तो उस प्रकाश के स्रोत (source of light) को हमारे आँखों तक आने में या फिर टेलीस्कोप तक आने कई प्रकाश वर्ष का समय लगेगा। इससे हम यह कह सकते हैं कि दूर अंतरिक्ष में जो कुछ भी देखते हैं वो पहले ही हो चुका है पर नज़र अभी आ रहा है। अतः इसे अतीत में देखने वाली खिड़की कहना भी गलग नहीं होगा।
FAQ's
Conclusion
इस लेख में मैंने आपको जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप क्या है (james Webb space telescope in Hindi) के बारे में बताया हूँ। जहाँ आपको ये टेलीस्कोप कैसे काम करती है इसमें कौन कौन से scientific instruments लगे हुए है आदि की जानकारी दिया है।
आशा करता हूँ कि आपको जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप क्या है (James Webb space telescope in Hindi) और कैसे काम करता है कि पूरी जानकारी आपके काम आएगी। इस लेख से संबंधित कोई जानकारी रह गयी है तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं और यह जानकारी आपको अच्छी लगी है तो कमेंट बॉक्स में अपना विचार जरूर बताएँ और अपने दोस्तों के साथ इस लेख को जरूर शेयर करें।
Nice
ReplyDeleteThank you... इसी तरह की जानकारी के लिए हमारे वेबसाइट से जुड़े रहिए 😊😊
DeleteHlo
ReplyDeleteHello 😊
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