अम्लीय वर्षा क्या है?
वायुमंडल में नाइट्रोजन व सल्फर के ऑक्साइड (NO2 और SO2) में उपस्थित जलवाष्प (H2O) के साथ मिलकर Nitric Acid (HNO3) और Sulphuric Acid (H2SO4) का निर्माण करते हैं। इसके बाद यह Acid जल के साथ मिलकर धरती पर गिरती है। इसी क्रिया को अम्लीय वर्षा (Acid Rain) कहा जाता है।
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अम्लीय वर्षा (Acid Rain) |
Water + Carbon dioxide →Carbonic Acid
H2O + CO2→H2CO3
और अम्लीय वर्षा की बात करें तो इसका pH value लगभग 4 के आस पास होता है जो normal rain से और भी ज्यादा acidic होता है। ज्यादा acidic होने के कारण क्या क्या हो सकते हैं इसके प्रकार कितने हैं इसके बारे में जानते हैं -
अम्लीय वर्षा के प्रकार
ये दो प्रकार के होते हैं -
- गीली अम्लीय वर्षा
- सुखी अम्लीय वर्षा
गीली अम्लीय वर्षा
सूखी अम्लीय वर्षा
अम्लीय वर्षा के कारण क्या हैं?
अम्लीय वर्षा होने के कारण दो प्रकार के हो सकते हैं-
- प्राकृतिक कारण (Natural Causes)
- मानवीय गतिविधियाँ (Human Activities)
प्राकृतिक कारण (Natural Causes)
प्राकृतिक कारण भी दो प्रकार के हो सकते हैं-
- सड़ती हुई वनस्पति
- प्रस्फुटित ज्वालामुखी
सड़ती हुई वनस्पति
किसी भी पेड़ पौधों को बढ़ने के लिए सल्फर की आवश्यकता होती है। मिट्टी में potassium sulphate होता है जिसे पेड़ पौधे ले लेते हैं और पत्तियों में मौजूदा प्रोटीन और सल्फर एक दूसरे से मिलकर दोनों के बीच एक bond बना लेते हैं।
ये पेड़ पौधे सड़कर मिट्टी में मिल जाते हैं और fuel का रूप ले लेते हैं। उस fuel को जलाने पर carbon और sulphur के बीच का bond टूट जाता है और sulphur ऑक्सीजन के साथ मिलकर sulphur dioxide बना लेता है। फिर से ऑक्सीजन के साथ मिलकर यह sulphur trioxide बना लेता है।
Sulphur dioxide + Oxygen → Sulphur trioxide
जब ये sulphur trioxide वायुमंडल के जलवाष्प से मिलते हैं तो Sulphuric Acid बनाते हैं।
SO3 + H2O→H2SO4
Sulphur trioxide + water →Sulphuric Acid
प्रस्फुटित ज्वालामुखी
मानवीय गतिविधियाँ (Human Activities)
अम्लीय वर्षा के दुष्परिणाम
अम्लीय वर्षा के कई सारे दुष्परिणाम हैं ये सजीव और निर्जीव दोनों को प्रभावित करती है। मनुष्यों की बात करें तो अम्लीय वर्षा के चपेट में आने पर nervous system, digestive system, respiratory system और skin में बीमारी हो सकती है। अगर कोई व्यक्ति ऐसे नदी या तालाब का पानी पीता है तो शरीर में heavy metal concentration बढ़ जाता है जो बहुत ही ज्यादा हानिकारक है।
जब अम्लीय वर्षा नदी, तालाब में मिल जाती है तब पानी में रहने वाले जीव के लिए खतरा बन जाता है। छोटे छोटे bacteria, algae आदि मर सकते हैं।
यदि हम मिट्टी की बात करें तो इसकी अम्लीय वर्षा मिट्टी की उपजाऊपन को कम करता है। मिट्टी में कई ऐसे compounds को खत्म कर देता है। उस जमीन में सही से खेती नहीं हो पाती है। उसमें उगने वाली साग सब्जियाँ सड़ जाती है।
किसी building या घर में जब अम्लीय वर्षा होती है तब उसकी मजबूती धीरे धीरे कम होने लगती है, उसका रंग बदलने लगता है उदाहरण- ताजमहल। अभी के समय में ज्यादातर cement की सहायता से मकान बनाए जाते हैं।
CaCO3 + H2SO4→CaSO4 + H20 + CO2
Cement में CaCO3 होती है जब यह Acid (H2SO4) के साथ मिलती है तो CaSO4 बनती है अब यह तो cement रहा नहीं इसलिए buildings में दरारें आने लगती है और इसकी मजबूती खत्म होने लगती है।
ताजमहल पीला क्यों हो रहा है?
नियंत्रण
ऐसे चीजें का उपयोग करना होगा जिनमें NO2 और SO2 गैस न निकलती हो।
Fossil fuel की जगह renewable energy का उपयोग करना होगा जैसे Solar energy, wind mil, Hydro power आदि। ऐसे का उपयोग हमें फैक्ट्री, वाहन और दिन प्रतिदिन होने वाले कामों में उपयोग करना होगा।
अम्लीय वर्षा तथा अन्य पर्यावरणीय प्रदूषण के प्रति लोगों को जागरूक करना होगा।समाधान
अम्लीय वर्षा का समाधान एक प्रकार से किया जा सकता है। जिस भी जगह से ऐसे प्रदूषण उत्पन्न होते हैं। उसे वहीं पर नियंत्रण करना होगा। यदि किसी जगह से प्रदूषण उत्पन्न हो रहे हैं तो इसे सरकार और ऐसे संस्था को बताना चाहिए जो इसका समाधान खोजने में जुटे हुए हैं।
Conclusion
उम्मीद करता हूँ कि आपको अम्लीय वर्षा क्या है (what is Acid Rain in hindi) की पूरी जानकारी मिली है। यदि आपको इस लेख से संबंधित कुछ पूछना या अपना बात रखना चाहते हैं तो कमेंट करें और अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।